एनएसडी का बदला ‘रंग’? भुला दिए गए हबीब तनवीर, रेखा जैन?
7 Rang
January 22, 2025

जब से भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु हुआ है रंगकर्मियों और रंग संस्थाओं के लिए एक बड़े और प्रतिष्ठित मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने का मौका मिलने लगा। पच्चीस साल हो गए। 1999 में जब इसकी शुरुआत हुई तो एनएसडी के निदेशक थे रामगोपाल बजाज। पहले भारंगम में गिरीश कर्नाड के नाटक नागमंडल खेला गया था अमाल अल्लाना के निर्देशन में। इसक

नाटकों का महाकुंम्भ भारंगम अब विदेश में भी
7 Rang
January 22, 2025

राजपाल यादव बने भारत रंग महोत्सव के रंगदूत ******* दिल्ली से अरविंद कुमार की रिपोर्ट  नई दिल्

‘शिवरानी देवी अपने समय से बहुत आगे की लेखिका थीं’
7 Rang
January 22, 2025

हिंदी की लेखिकाओं को शिवरानी देवी की तरह दृष्टि अपनानी चाहिए –अशोक वाजपेयी
नई दिल्ली। हिंदी के जाने माने लेखक, कवि और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने लेखकों खासकर महिला रचनाकारों से अपने लेखन में अपने समय को दर्ज करते हुए राजनीतिक दृष्टि अपनाने

जन्मशती पर लगा सत्ता का ग्रहण
7 Rang
January 17, 2025

                                               राजेश कुमार   वैसे तो हर साल किसी न किसी लेखक, राजनेता, चित्रकार व नाटककार - अभिनेता - निर्देशक की जन्मशती आती और जाती रहती है । लोग उनकी जन्मशती अपने - अपने स्तर पर मनाते रहते हैं । कई संस्थाएँ - साहित्यिक - सामाजिक संगठन भी किसी न किसी रूप में उन्हें याद करते हैं । उनके किए गए कार्यों का मूल्यांकन होता ह

हिंदी साहित्य में जन्मदिन की परंपरा: संदर्भ अशोक वाजपेयी
7 Rang
January 17, 2025

अशोक वाजपेयी ने प्रतिरोध की कविताएं पढ़कर मनाया जन्मदिन 
युवा पीढी से भी किया संवाद 
आधुनिक

बुनती रहे हमारी अंगुलियां इकतारे की धुन पर…
7 Rang
January 7, 2025

क्रांतिकारी जनवादी धारा के वरिष्ठतम कवियों में से एक ध्रुवदेव मिश्र पाषाण का जाना हिन्दी कविता और साहित्य के लिए एक सदमे वाली खबर है... पाषाण जी के लेखन से लेकर उनकी विचारधारा और जीवन संघर्ष के बारे में बता रहे हैं जाने माने कवि, पत्रकार कौशल किशोर.. पाषाण जी को 7 रंग परिवार की ओर से सादर नमन.. Read More

2024 में स्त्री लेखन का लेखा जोखा…
7 Rang
December 31, 2024

स्त्री लेखन:2024
 
हिंदी साहित्य में साल भर की घटनाओं और किताबों का लेखा जोखा कम ही होता है पर जो भी  होता है ,उसमे

श्याम बेनेगल: नये सिनेमा के शिखर और सफ़र….!
7 Rang
December 25, 2024

श्याम बेनेगल के होने के अपने मायने थे.. उनके पास सिनेमाई कौशल के साथ अपने समाज के ज़रूरी सवाल भी रहे और उन सवालों पर सोचने को मजबूर कर देने की कला भी... समानांतर सिनेमा को भी उन्होंने उस लीक से हटाने की कोशिश की जिसे कई दफा बोझिल और उबाऊ करार दिया जाता रहा.. क्योंकि बेनेगल सिनेमा के व्याकरण को भी बखूबी समझते थे...आखिर श्याम बेनेगल के सफरनामें की क्या खासियतें रहीं जो उन्हें इ

श्याम बेनेगल और किसानों का रिश्ता: ‘मंथन’ के मायने
7 Rang
December 24, 2024

सिनेमा को एक गंभीर ऊंचाई तक पहुंचाने वाले सत्यजीत राय के बाद अब श्याम बेनेगल भी चले गए। सार्थक और समानांतर सिनेमा के ऑइकॉन बन गए बेनेगल के लिए सिनेमा समाज की उन सच्चाइयों का आईना रहा जहां जीवन की जद्दोजहद और आम लोगों के सवाल अहम थे... बेशक वह 90 साल के हो चुके थे, डॉयलिसिस पर भी थे, लेकिन आखिरी दिनों तक अपने गंभीर प्रोजेक्ट्स को लेकर चिंतित थे... श्याम बेनेगल के कई आयाम हैं... उन

सब कंधों पर टंगे हुए हैं अपने-अपने थैले
7 Rang
December 23, 2024

संसद में इन दिनों थैला बंद सियासत का ज़ोर है... कुछ थैले कंधे पर हैं तो कुछ अलग अलग तरीकों से संसद के भीतर... बाहर तो झोला छाप कामरेड से लेकर झोला झाप लेखक और डॉक्टर की चर्चा तो अक्सर होती है लेकिन अब ये झोला संस्कृति कुछ बदली बदली सी है.. कुछ झोले पर पार्टी के निशान तो नेताओं की फोटो तो कुछ पर आंदोलन के नारे... कमाल की इस झोला या थैला संस्कृति पर जाने माने व्यंग्यकार और पत्रकार

Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis